Do You Have Any Questions?
सुंदरकांड पाठ भगवान श्रीराम और हनुमानजी की महिमा का गान है। यह रामायण का एक महत्वपूर्ण भाग है, जिसमें हनुमानजी की वीरता, भक्ति और श्रीराम के प्रति उनकी निष्ठा का वर्णन किया गया है। इस पाठ को करने से जीवन के संकटों का निवारण होता है और सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है।
सुंदरकांड पाठ को मंगलवार या शनिवार के दिन करना अत्यधिक शुभ माना जाता है। इसे प्रातःकाल या संध्याकाल में, शुद्ध मन और शांत वातावरण में बैठकर करना चाहिए। पाठ से पहले भगवान श्रीराम और हनुमानजी की पूजा की जाती है।
सुंदरकांड पाठ से व्यक्ति के जीवन में आने वाली सभी प्रकार की बाधाएं और संकट दूर होते हैं। यह पाठ मन को शांति, शक्ति और आत्मविश्वास प्रदान करता है। इसके नियमित पाठ से परिवार में सुख-समृद्धि, स्वास्थ्य और शांति बनी रहती है।
हां, सुंदरकांड पाठ को विशेष मनोकामनाओं की पूर्ति के लिए किया जा सकता है। जैसे कि किसी संकट से मुक्ति, शत्रुओं पर विजय, मानसिक शांति, या धन-धान्य की प्राप्ति के लिए इस पाठ का विधान है।