सुंदरकांड, रामायण का एक महत्वपूर्ण और पवित्र अध्याय है, जिसे गोस्वामी तुलसीदास जी ने लिखा है। यह कांड भगवान हनुमान की अद्वितीय भक्ति, शक्ति, और श्रीराम के प्रति उनकी...
दोहाश्रीगुरु चरन सरोज रज, निज मनु मुकुरु सुधारि।बरनऊं रघुबर बिमल जसु, जो दायकु फल चारि॥ अर्थ:मैं श्रीगुरु के चरण कमलों की धूल से अपने मन के दर्पण को स्वच्छ...
॥दोहा॥ श्री रामचन्द्र कृपालु भजुमन हरण भवभय दारुणं । नव कंज लोचन कंज मुख कर कंज पद कंजारुणं ॥१॥ कन्दर्प अगणित अमित छवि नव नील नीरद सुन्दरं । पटपीत...